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नाथ सम्प्रदाय भारत का एक हिंदू धार्मिक पन्थ है। मध्ययुग में उत्पन्न इस सम्प्रदाय में शैव तथा योग की परम्पराओं का समन्वय दिखायी देता है। यह हठयोग की साधना... |
पन्थ/सम्प्रदाय के अर्थ में धर्म के लिए धर्म (पंथ) देखें। एक ही धर्म की अलग अलग परम्परा या विचारधारा मानने वालें वर्गों को सम्प्रदाय कहते है। सम्प्रदाय हिंदू... |
गणनाथ सेन ने लिखा है। तंत्र गंथों में नाथ सम्प्रदाय: नाथ सम्प्रदाय के आदिनाथ शिव है, मूलतः समग्र नाथ सम्प्रदाय शैव है। शाबर तंत्र में कपालिको के 12 आचार्यों... |
शाक्त सम्प्रदाय' हिन्दू धर्म के तीन प्रमुख सम्प्रदायों में से एक है। आदिशक्ति अर्थात माता पार्वती की उपासना करने वाला सम्प्रदाय शाक्त सम्प्रदाय कहलाता... |
नवनाथ (श्रेणी नाथ सम्प्रदाय) नाथ सम्प्रदाय के नौ गुरुओं को नवनाथ कहा जाता है। इनकी पूजा व्यक्तिगत रूप में तथा सामूहिक रूप में भी की जाती है। मत्स्येंद्रनाथ गोरखनाथ गहिनीनाथ जालन्धर... |
छत्तीसगढ़ में भी भरथरी की कथा प्रचलित हो गई थी - भरथरी और गोपीचन्द दोनों नाथ-पंथी थे। नाथ-पंथी योगियों का जो सम्प्रदाय हैं, वह सम्प्रदाय नवीं दसवीं शताब्दी... |
योगी (अनुभाग इन्हें भी देखें) योग को जानने वाला या योग का अभ्यास करने वाला योगी कहलाता है। नाथ सम्प्रदाय योगसूत्र... |
गोरखनाथ मन्दिर (अनुभाग इन्हें भी देखें) में 'नाथ संप्रदाय' का प्रमुख स्थान है। संपूर्ण देश में फैले नाथ संप्रदाय के विभिन्न मंदिरों तथा मठों की देख रेख यहीं से होती है। नाथ सम्प्रदाय की मान्यता... |
शैव (शैव सम्प्रदाय से अनुप्रेषित) आराधना करने वाले लोगों को शैव कहते हैं। शैव में शाक्त, नाथ, दशनामी, नाग आदि उप संप्रदाय हैं । ये भी संप्रदाय हैं जो भगवान शिव की आराधना अलग अलग माध्यमों... |
निंबार्क संप्रदाय (निम्बार्क सम्प्रदाय से अनुप्रेषित) निम्बार्क सम्प्रदाय, वैष्णवों के चार सम्प्रदायों में अत्यन्त प्राचीन सम्प्रदाय है। इस सम्प्रदाय को हंस सम्प्रदाय, कुमार सम्प्रदाय और सनकादि सम्प्रदाय भी कहते... |
तिथि 19 मार्च 2017. नाथ सम्प्रदाय भक्ति आन्दोलन टिल्ला जोगियाँ योग गोरक्षशतक गोरखपुर गोरखनाथ मन्दिर गोरखनाथ और उनका युग नाथों के नाथ गोरखनाथ[मृत कड़ियाँ]... |
स्वेच्छाचार (अनुभाग इन्हें भी देखें) स्वेच्छाचार, नाथ सम्प्रदाय का महत्वपूर्ण दर्शन है। 'स्वेच्छाचार' का शाब्दिक अर्थ है- 'अपनी इच्छा के अनुसार चलते हुए जीवन जीना'। अवधूत... |
कापालिक (अनुभाग इन्हें भी देखें) कापालिक एक तांत्रिक शैव सम्प्रदाय था जो अपुराणीय था। इन्होने भैरव तंत्र तथा कौल तंत्र की रचना की। कापालिक संप्रदाय पाशुपत या शैव संप्रदाय का वह अंग है... |
गंभीरनाथ (अनुभाग इन्हें भी देखें) था, यह ठीक-ठीक ज्ञात नहीं है। वे 21 मार्च 1917 को ब्रह्मलीन हुए थे। नाथ सम्प्रदाय गोरखपुर सिद्ध योगी थे बाबा गम्भीरनाथ (जागरण) The Great Yogi Gambheer... |
धर्म (पंथ) (अनुभाग इन्हें भी देखें) है कि धर्म को सम्प्रदाय या पन्थ से जोड़ कर देखना वास्तव में धर्म की समझ को सीमित करना है, चूँकि पश्चिमी-जगत का सम्बद्ध केवल सम्प्रदाय या "विश्वास" से... |
गुरु गोरक्ष् नाथ की दिक्षा प्राप्त करके मंदिर की पूजा करते है यहीं पर नाथ सम्प्रदाय की पीर गद्दी आज भी बिद्यमान है जहा पर नवरात्री में नाथ जाती का सिद्ध... |
हठयोग (अनुभाग इन्हें भी देखें) प्रदीपिका योग राजयोग षट्कर्म हठयोग क्या है? क्या है हठयोग का मतलब? नाथ सम्प्रदाय के ग्रन्थ Mallinson & Singleton 2017, पृ॰प॰ 87–88, 104–105. Rosen 2012... |
सूफियों, सगुण एवं निर्गुण भक्ति धारा के उपासकों, नाथ पंथियों तथा जंगम-जोगड़ों के संप्रदाय वाले संतों को भी स्थान दिया। सन्त साधना के प्रारंभिक विकास, महात्मा... |
गोरखपुर (अनुभाग इन्हें भी देखें) प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर अभी भी नाथ सम्प्रदाय की पीठ है। यह महान सन्त परमहंस योगानन्द का जन्म स्थान भी है। इस शहर में और भी कई ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे, बौद्धों... |
जसनाथ जी महाराज जो जसनाथ सम्प्रदाय के आराधना देव हैं इस सम्प्रदाय के लोग ज्यादातर जाट जाति के लोग हैं तथा अन्य जातियाँ के लोग भी हैं तथा कतरियासर गावँ में... |